जिन्हें आज तुम बातें कहती हो
बस वो ही याद रहेंगी एक दिन
बाकी सब धुंधला हो जाएगा
इतनी करुणा है इन बातों में कि
मुरझाया हुआ फूल उस दिन
कली बनकर फिर खिल जाएगा
हवाओं में उड़ती हुई अपनी वो जुल्फें
दूर से निहारता हुआ किसी को देखोगी
तो ये रांझा फिर याद आएगा
जो खुद एक मिसाल है तारीफों की
उसके लिए मैं क्या तारीफ करूँ
एक दिन खुदा खुद उसकी अहमियत
इस दुनिया को समझायेगा
उसका कोमल हॄदय उसकी आवाज़
सब इतना प्यारा है कि आसमान खुद
उसके कद के आगे सिर झुकायेगा
तुम मेरी हो सिर्फ मेरी हो
मेरा यही खयाल एक दिन
तुम्हें फिर मेरे पास लेकर आएगा
तुम्हारी मुस्कान ही तुम्हारी पहचान है
यही याद दिलाने के लिए
कोई फिर एक दिन
तुम्हारे इतने पास आएगा
बस बातें ही याद रहेंगी
बाकी सब धुंधला हो जाएगा
~ राहुल मिश्रा ~
बस वो ही याद रहेंगी एक दिन
बाकी सब धुंधला हो जाएगा
इतनी करुणा है इन बातों में कि
मुरझाया हुआ फूल उस दिन
कली बनकर फिर खिल जाएगा
हवाओं में उड़ती हुई अपनी वो जुल्फें
दूर से निहारता हुआ किसी को देखोगी
तो ये रांझा फिर याद आएगा
जो खुद एक मिसाल है तारीफों की
उसके लिए मैं क्या तारीफ करूँ
एक दिन खुदा खुद उसकी अहमियत
इस दुनिया को समझायेगा
उसका कोमल हॄदय उसकी आवाज़
सब इतना प्यारा है कि आसमान खुद
उसके कद के आगे सिर झुकायेगा
तुम मेरी हो सिर्फ मेरी हो
मेरा यही खयाल एक दिन
तुम्हें फिर मेरे पास लेकर आएगा
तुम्हारी मुस्कान ही तुम्हारी पहचान है
यही याद दिलाने के लिए
कोई फिर एक दिन
तुम्हारे इतने पास आएगा
बस बातें ही याद रहेंगी
बाकी सब धुंधला हो जाएगा
~ राहुल मिश्रा ~
Beautifully written..
ReplyDeleteThank you so much
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