Sunday 6 May 2018

प्रेम में जीवन और जीवन मे प्रेम



प्रेम बिन जीवन
तर्पण बिन समर्पण

भावनाओं बिन प्रीत
नयनों से परे मीत

आत्मा बिन देह
आकर्षण का स्नेह

सत्य बिन बंधन
मिलन का अभिनंदन

ध्यान बिन स्तुति
मिलन की अनुभूति

आशा बिन विश्वास
त्याग का अहसास

तुम बिन मैं
और मुझ बिन तुम

सब अपूर्ण है

तब एक मात्र श्री कृष्ण ही सम्पूर्ण हैं।।

#राधे_कृष्ण

~ राहुल मिश्रा ~

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