आज सोचा....
लेखन की योग्यता का कुछ विस्तार किया जाये,
एक हाथ कविता लेखन में भी आजमाया जाये l
एक सरकारी इमारत के तीसरे माले की दीवार पर,
जब शर्मा जी ने नज़र घुमाई l
स्वर्णाक्षरों में लिखा था.....
यह इमारत CCTV के निरीक्षण में है,
दीवारों पर थूकना मना है l
कमबख्त इस सरकारी मुलाज़िम की ज़ुर्रत तो देखिये...
CCTV पर ही थूक आया .....
हमने पूछा शर्मा जी,
क्या आपकी निग़ाह-ए-करम इस दीवार पर मेहरबाँ नहीं हुई..
शर्मा जी बोले जनाब..
थूकना तो मज़बूरी थी दीवार नहीं तो CCTV ही सही,
CCTV पर थूकना कहाँ मना है l
~ राहुल मिश्रा ~
लेखन की योग्यता का कुछ विस्तार किया जाये,
एक हाथ कविता लेखन में भी आजमाया जाये l
एक सरकारी इमारत के तीसरे माले की दीवार पर,
जब शर्मा जी ने नज़र घुमाई l
स्वर्णाक्षरों में लिखा था.....
यह इमारत CCTV के निरीक्षण में है,
दीवारों पर थूकना मना है l
कमबख्त इस सरकारी मुलाज़िम की ज़ुर्रत तो देखिये...
CCTV पर ही थूक आया .....
हमने पूछा शर्मा जी,
क्या आपकी निग़ाह-ए-करम इस दीवार पर मेहरबाँ नहीं हुई..
शर्मा जी बोले जनाब..
थूकना तो मज़बूरी थी दीवार नहीं तो CCTV ही सही,
CCTV पर थूकना कहाँ मना है l
~ राहुल मिश्रा ~
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