कितने तंजील मारोगे हर घर से तंजील निकलेगा
मातृभूमि के सीने पर जब जब खंजर लहराएगा
अफ़ज़ल जैसे गद्दारों का जब नाम जुबां पर आएगा
बेटा भारत माता का फिर गोली सीने पे खाएगा
और देश की मिट्टी में जन्मा फिर मिट्टी में मिल जायेगा
उस माटी से जन्मे तंजील चुन चुन दुश्मन को मारेंगे
फिर देशभक्ति का लावा तब फूट ज्वालामुखी निकलेगा
तुम कितने तंजील मारोगे हर घर से तंजील निकलेगा
अब सुन ले तू हुंकार मेरी
मैँ आज प्रतिज्ञा लेता हूँ
देशद्रोह के अंगारे जो भी ज़ुबान से उगलेगा
हर घर में घुस के मारेंगे जिस घर से अफ़ज़ल निकलेगा
~ राहुल मिश्रा ~
मातृभूमि के सीने पर जब जब खंजर लहराएगा
अफ़ज़ल जैसे गद्दारों का जब नाम जुबां पर आएगा
बेटा भारत माता का फिर गोली सीने पे खाएगा
और देश की मिट्टी में जन्मा फिर मिट्टी में मिल जायेगा
उस माटी से जन्मे तंजील चुन चुन दुश्मन को मारेंगे
फिर देशभक्ति का लावा तब फूट ज्वालामुखी निकलेगा
तुम कितने तंजील मारोगे हर घर से तंजील निकलेगा
अब सुन ले तू हुंकार मेरी
मैँ आज प्रतिज्ञा लेता हूँ
देशद्रोह के अंगारे जो भी ज़ुबान से उगलेगा
हर घर में घुस के मारेंगे जिस घर से अफ़ज़ल निकलेगा
~ राहुल मिश्रा ~